Pandit Vipin Krishna Shastri: Astrolger & Katha Vyas

Monday, 7 January 2013

Jyotish Shastra-ज्योतिष शास्त्र

आकाशस्थ ग्रहों की विशेष गति व् स्तिथि से भौतिक सृष्टि पर पड़ने वाले परिणामों का विशेष विवेचन करना ही ज्योतिष शास्त्र का उद्देश्य है . ज्योतिष शास्त्र के मुख्य रूप से दो भाग है .     १-ग्रह ज्योतिष     २-फलित ज्योतिष इन दो भागों का वर्णन तीन विभागों में किया गया है      १-सिद्धांत      २-संहिता      ३-जातक ग्रह ज्योतिष में सिद्धांत और...

Sunday, 6 January 2013

भारतीय ज्योतिष एक राह के रूप में

ज्योतिष को वेद का नेत्र कहा गया है मानव समाज को आज के भोतिक परिवेश में यत्र तत्र सर्वत्र ज्योतिष की परम आवश्यकता है ज्योतिष शास्त्र के द्वारा ही हमें भविष्य में होनी वाली प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष घटनाओं से अवगत कराया जाता है ज्योतिष हमारा पथ प्रदर्शक है. भारतीय ज्योतिष शास्त्र काल गणना का प्राचीन ग्रन्थ है इसके आधार पर ही खगोल शास्त्री काल की गणना करते है .ज्योतिष शास्त्र दो विधाओ पर आधारित है पहला गणित तथा दूसरा फलित .इन्ही दो विधाओ के आधार पर गणितज्ञ और फलितज्ञ प्रश्नों का समुचित समाधान करके प्रश्नोत्तर देते है ज्योतिष शास्त्र में जितना महत्व...