Pandit Vipin Krishna Shastri: Astrolger & Katha Vyas

Tuesday, 20 August 2013

Jyotish Falit-ग्रहों की अवस्थायें एवं उनका फल

ग्रह अपने निरंतर भ्रमण में विभिन्न स्थितियों में पहुचते है और यही स्थितियां ग्रहों की अवस्थायें कहलाती हैं.प्रत्येक अवस्था का अपना-अपना फल होता है और कुण्डली विश्लेषण के समय ज्योतिषी को इन अवस्थाओं का विशेष ध्यान रखना चाहिए . १-दीप्तावस्था  २-स्वस्थ अवस्था  ३-मुदित अवस्था  ४-शांत अवस्था  ५-शक्त अवस्था  ६-पीड़ित अवस्था  ७-दीन अवस्था  ८-विकल अवस्था  ९-भीत अवस्था  १०-खल अवस्था  १-दीप्तावस्था ---जब ग्रह अपनी उच्च राशि में रहता है तो वह दीप्त होता है इस स्थिति में जातक को धन लाभ ,अपने...

Saturday, 17 August 2013

Jyotish-ज्योतिष ज्ञान

जय बद्री विशाल ,      अप्रत्याक्षाणि शास्त्राणि विवादस्तत्र केवलं       प्रत्यक्षं ज्योतिषं शास्त्रं चंद्रार्को यत्र साक्षिनों. अनादि काल से मानव अज्ञात एवं अगोचर को जानने के लिये संवेदनशील एवं जिज्ञासू रहा है मानव की इसी जिज्ञासा प्रवृत्ति के कारण चिंतनशील प्रबुद्ध मनीषियों ने अपने परिवेश से सहस्रों मील दूर संचरणशील ग्रह नक्षत्र एवं ताराओं के स्वरुप एवं उनके पारस्परिक प्रभावों का गहन निरीक्षण .अध्ययन एवं चिंतन प्रारंभ किया .मानव जीवन को सुव्यवस्थित रूप प्रदान करने के लिये ऋषियों ने अध्यात्म एवं वैदिक...

Thursday, 8 August 2013

Shani Sade Sati-शनि ग्रह की साढ़ेसाती

शनि ग्रह प्रत्येक राशि में ढाई वर्ष भ्रमण करने पर अगली राशि में प्रवेश करता है इस तरह जन्म राशि के द्वादश भाव में जिस दिन शनि प्रवेश करता है उसी दिन से शनि की साढ़ेसाती प्रारंभ हो जाती है .उस राशि का भ्रमण ढाई वर्ष पूर्ण करके जन्म कुण्डली में चन्द्रमा जिस राशि में है उस राशि में प्रवेश करने पर दूसरा ढाई वर्ष  और उससे अगली राशि में जब प्रवेश करे उसके ढाई वर्ष के गति से साढ़ेसात वर्ष का भ्रमण -इसी को साढ़ेसाती कहते हैं.    प्रत्येक राशि में शनि ढाई वर्ष की गति से बारह राशि का भ्रमण ३० वर्ष में पूरा करता है    जन्म कुण्डली...

Raksha Bandhan 2013 - रक्षाबंधन

इस वर्ष श्रावण  पूर्णिमा  दो दिन व्याप्त है 20 अगस्त मंगलवार को प्रात:10:22 से आगामी दिन 21 अगस्त को प्रात: 7:15 तक रहेगी लेकिन 20 अगस्त को  भद्रा भी प्रात: 10:22 से रात्रि 20:49 तक रहेगी . धर्म सिंधु के अनुसार -   रक्षावन्धनमस्यामेव पूर्णिमायां भद्रा रहितायां त्रिमुहुर्ताधिकोदय व्यापिनी अपराह्ने प्रदोषे वा कार्यम.     शास्त्र के अनुसार 20 अगस्त मंगलवार को भद्रा रहित काल में रात्रि 20:49 के बाद रक्षावन्धन पर्व मनाया जा सकता है    लेकिन अधिकांशत: भाई बहिन  पूजा पाठ नित्यकर्मो से निवृत होकर निराहार...