शनि ग्रह तुला राशि में २० अंश पर परमोच्य
और मेष राशि में २० अंश पर नीच रहता है. शनि सूर्या का पुत्र लेकिन पितृ शत्रु भी
माना जाता है. शनि के प्रति जन मानस में अनेक भ्रांतियां हैं . कई लोग शनि को अशुभ
ग्रह मानते हैं. लेकिन वास्तविकता यह है कि शनि संतुलन बनाकर प्रकृति में प्रत्येक
प्राणी के साथ न्याय करता है.
स्कंध पुराण में शनि जन्म की कथा आती है
कि सूर्य का विवाह दक्ष की कन्या “संज्ञा” के साथ हुआ. सूर्या के द्वारा संज्ञा के
गर्भ से तीन संतान हुई.
१- वैववश्वत मनु
२- यमराज
३- ...