धर्म सदैव ऊचे स्थान पर प्रतिष्ठित है हमारे धर्म शास्त्र ,और संत
महात्माओं के उपदेशों से सिद्ध होता है कि यह सम्पूर्ण संसार धर्म पर प्रतिष्ठित
है धर्म के विना यह मानव जीवन पशु के समान है धर्म का स्वरुप जैसा भी हो परन्तु
धर्म का पालन प्रत्येक देश और जाति में सदा से चला आ रहा है लेकिन आज बड़ी दुःख की
बात है कि धर्म प्राण भारतवर्ष में आज ईश्वर और धर्म के तत्व से अनभिज्ञ होने के
कारण कुछ लोग यह कहने लगे हैं कि धर्म ही हमारे सर्व नाश का कारण है धर्म के कारण
ही देश परतंत्र हो रहा है ,धर्म ही हमारे सर्वांगीण विकास में वाधक है इस प्रकार
कहने वाले लोग ईश्वर...