Pandit Vipin Krishna Shastri: Astrolger & Katha Vyas

Tuesday, 30 December 2014

Shrimad Bhagwat Katha Video Clips

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Tuesday, 4 November 2014

ज्योतिष में नक्षत्रों का महत्व

जीवन में किसी भी प्रकार का यदि आप शुभ कार्य करते हैं तो उस कार्य को  प्रारम्भ करते समय सर्वप्रथम नक्षत्र का विचार अवश्य कर लेना चाहिए जिस समय नक्षत्र का शुभ काल आरम्भ हो उसी समय कार्य आरम्भ करना चाहिए नक्षत्र [काल]अर्थात समय का एक मुख्य अंग है और इसका ज्ञान होना परम आवश्यक है आकाश मण्डल के बारह भाग को राशि और सत्ताईश विभाग को नक्षत्र कहते हैं चंद्रमा को प्रत्येक नक्षत्र का भ्रमण करने में १२ अंश २० कला का समय लगता है इस गति से भ्रमण करने...

Monday, 20 October 2014

दीपावली पर्व 23 अक्टूबर 2014

दीपावली पर्व का भारत के त्योहारों में विशिष्ठ स्थान है इस दिन धन धान्य की अधिष्ठात्री देवी भगवती लक्ष्मी के पूजन का विशेष महत्व है. भारतीय धर्म शास्त्रों के अनुसार इसी दिन समुद्र मंथन  के समय क्षीर सागर  से लक्ष्मी जी प्रकट हुई थी और भगवान विष्णु को अपना पति स्वीकार किया था। इस दिन जब भगवान रामचंद्र लंका से रावण का उद्धार करके  वापस आए तो उनका राज्यारोहण किया गया था और  इस ख़ुशी के पावन अवसर पर सभी अयोध्यावासियों...

Monday, 22 September 2014

Jyotish-शनि ग्रह एक संक्षिप्त परिचय

शनि ग्रह तुला राशि में २० अंश पर परमोच्य और मेष राशि में २० अंश पर नीच रहता है. शनि सूर्या का पुत्र लेकिन पितृ शत्रु भी माना जाता है. शनि के प्रति जन मानस में अनेक भ्रांतियां हैं . कई लोग शनि को अशुभ ग्रह मानते हैं. लेकिन वास्तविकता यह है कि शनि संतुलन बनाकर प्रकृति में प्रत्येक प्राणी के साथ न्याय करता है. स्कंध पुराण में शनि जन्म की कथा आती है कि सूर्य का विवाह दक्ष की कन्या “संज्ञा” के साथ हुआ. सूर्या के द्वारा संज्ञा के गर्भ से तीन संतान हुई. १-      वैववश्वत मनु २-      यमराज ३-     ...

Wednesday, 10 September 2014

जीवन में धर्म की परम आवश्यकता

धर्म सदैव ऊचे स्थान पर प्रतिष्ठित है हमारे धर्म शास्त्र ,और संत महात्माओं के उपदेशों से सिद्ध होता है कि यह सम्पूर्ण संसार धर्म पर प्रतिष्ठित है धर्म के विना यह मानव जीवन पशु के समान है धर्म का स्वरुप जैसा भी हो परन्तु धर्म का पालन प्रत्येक देश और जाति में सदा से चला आ रहा है लेकिन आज बड़ी दुःख की बात है कि धर्म प्राण भारतवर्ष में आज ईश्वर और धर्म के तत्व से अनभिज्ञ होने के कारण कुछ लोग यह कहने लगे हैं कि धर्म ही हमारे सर्व नाश का कारण है धर्म के कारण ही देश परतंत्र हो रहा है ,धर्म ही हमारे सर्वांगीण विकास में वाधक है इस प्रकार कहने वाले लोग ईश्वर...

Wednesday, 6 August 2014

Raksha Bandhan-रक्षावन्धन पर्व 10 अगस्त 2014 [श्रावणी पर्व ]

रक्षावन्धन का पर्व श्रावण मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है इसे श्रावणी पर्व भी कहते हैं यह त्यौहार भाई -बहिन के अटूट प्रेम का प्रतीक है। भारतीय सनातन पद्धति के अनुसार रक्षा वन्धन का त्यौहार विश्वास ,समर्पण व् निष्ठा का त्यौहार है। रक्षा वन्धन का अर्थ है -रक्षा के लिये बांधना,---अर्थात जब भाई  को बहिन राखी बांधती है तो भाई का परम कर्तव्य बनता है बहिन की पग-पग पर रक्षा करना।  पूर्व काल में यह पर्व केवल भाई बहिन तक ही सीमित नहीं था अपितु विकट विषम परस्थिति आने पर किसी के आरोग्य की कामना के लिये यह रक्षा सूत्र किसी को भी बाँधा जाता रहा...

Sunday, 6 July 2014

Bhajan by Pandit Vipin Krishna Kandpal (Shastri)

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Hindi Bhajan by Pt Vipin Krishna Kandpal Shastri

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Bhajan by Pandit Vipin Krishna Kandpal Shastri

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Thursday, 16 January 2014

Hindi Bhajan by Pandit Vipin Krishna Kandpal

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