Pandit Vipin Krishna Shastri: Astrolger & Katha Vyas

Sunday, 13 December 2015

श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ

।। ॐ श्री परमात्मने नम: ।।  ।। पिवत भागवतं रसमालयम् ।। श्रीमद्भागवत कथा सप्ताह ज्ञान यज्ञ (13 जनवरी से 20 जनवरी 2016 तक) कथा व्यास -आचार्य विपिन कृष्ण काण्डपाल आयोजक-रावत परिवार ग्राम भिकोना (चमोली गढ़वाल) उत्तराखण्...

Wednesday, 9 September 2015

ग्रह योग और फलित

कुण्डली के प्रत्येक भाव अपनी अपनी दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं और इन्ही द्वादश भावों में स्थित ग्रहों के शुभ या अशुभ Astrologer- Vipin Krishna Kandpal स्थिति से मनुष्य अपने जीवन काल में सुख और दुःख का सामना करता रहता है ग्रहों की युति ,दृष्टि के अनुसार कुण्डली में जो शुभ और अशुभ योग बनते हैं जिनके कारण व्यक्ति बुलंदियों को भी छू लेता है और जब ग्रह स्थिति और योग अशुभ हो तो बुलंदियों को पाने वाला व्यक्ति भी दर दर भटकने लगता है. ऐसे ही कुछ योगों...

Thursday, 27 August 2015

ज्योतिष में केतु ग्रह का जातक पर प्रभाव

केतु एक छाया ग्रह है केतु मंडल ध्वजाकार है मनुष्य के शरीर में केतु अग्नि तत्व का प्रतिनिधित्व करता है केतु ग्रह के सूर्य और चन्द्रमा शत्रु हैं. जन्म कुण्डली में प्रथम लग्न भाव ,षष्ठम भाव ,अष्ठम भाव ,और एकादश भाव में केतु ग्रह को शुभ नहीं माना जाता है. कुण्डली में केतु ग्रह के द्वारा जब जातक पीड़ित रहता है तो जातक के व्यवहार में विकारता दिखाई देने लगती है जातक के मन दुराचार की भावना प्रबल हो जाती है, वात  कफ जन्य रोग से जातक पीड़ित रहता...

Monday, 24 August 2015

Puja Pandit & Priest Services in Delhi NCR & All India

Pandit Vipin Krishna Shastri-Hindu Priest/Shrimad Bhagwat Katha Vachak If you are looking a Hindu priest/pujari pandit for performing religious ceremonies at your home or work place then please do contact to Pandit Vipin Krishna Shastri Ji on his mobile no- +91-9015256658. Acharya Pandit Vipin Krishna offers all Hindu religious services including puja/path, navgrah puja, katha pravacha, kundali reading & match making...etc services according...

Friday, 6 February 2015

Gandmool Nakshtra- गंड मूल [सतइसा ] नक्षत्र विवरण

ज्योतिष में 27 नक्षत्रों में 6 नक्षत्र गंड मूल नक्षत्रों की श्रेणी में माने गये हैं.-अश्वनी,-आश्लेषा,-मघा- ,ज्येष्ठा,-मूल और रेवती. इन नक्षत्रों में उत्पन्न जातक –जातिका गंड मूलक कहलाते हैं .इन नक्षत्रों में उत्पन्न जातक स्वयं व् कुटुम्बी जनों के लिये अशुभ माने गये हैं. जातो न जीवतिनरो मातुरपथ्यो भवेत्स्वकुलहन्ता | लेकिन पहले यह जानना परम आवश्यक है कि गंड मूल किसे कहते हैं गंड कहते हैं –जहाँ एक राशि और नक्षत्र समाप्त हो रहे हो उसे...