Saturday 20 July 2013

शनि राहू केतु का मानव जीवन पर प्रभाव और उपरी हवा से सम्बन्ध

अक्सर हम लोग कहा करते हैं कि उपरी हवा लग गयी है. हमारे धर्म ग्रंथों में इसकी विस्तृत विवेचना की गयी है.
कुछ ग्रन्थ इन्हने बुरी आत्मा मानते हैं, लेकिन ज्योतिष के शनि, राहु, केतु विशेष रूप से उपरी हवा का कारक ग्रह माना गया है.

उपरी हवाओं का विशेष प्रभाव कुऐं, चोराहे तथा गंदे स्थानों में होता है, इसलिए ऐसी जगहों पर जाने वालों पर उपरी हवा अपना विशेष प्रभाव डालती है तथा रात और दिन के अभिजित समय (रात के १२ बजे और दिन के १२ बजे) में इनका प्रभाव विशेषरूप से द्वार के चोखट पर माना गया है.

ज्योतिष के अनुसार जब राहु, केतु और शनि का प्रभाव जातक की कुंडली में मन, शरीर और धर्म भाव पर रहता है इस स्तिथि में उपरी हवाएं सक्रिय हो जाती हैं. चन्द्रमा पर जब इन क्रूर ग्रहों का प्रभाव रहता है तब मन की स्थिरता विचलित होने लगती है क्योंकि चन्द्रमा मन का कारक है और इन क्रूर ग्रहों का प्रभाव जब मन पर पड़ता है तो मन की अस्थिरता के कारण जीवन अस्त ब्यस्त हो जाता है.

इस प्रकार की शक्तियां हमें दिखाई तो नही देती लेकिन हमारा जीवन इन अदृश्य शक्तियों के कारण डग मगाने लगता है.

इस प्रकार की बुरी शक्तियों के निवारण हेतु उपाय:


दुर्गा सप्तशती का सम्पुटित पाठ
- बजरंग बाण का पाठ
- गूगल का धूप देकर हनुमान चालीसा पाठ
- ब्यापार में समस्या हो तो- गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करें और ब्यापार स्थल पर एकाक्षी श्रीफल की स्थापना करें

- घर की महिलाएं यदि पीड़ित हों तो शुक्रवार को माता के मंदिर में मेहँदी चढायें

- घर में मत्स्य यन्त्र की स्थापना और नित्य पूजन करें

- स्फटिक की माला धारण करें

शुभम भूयात

आचार्य विपिन कृष्ण शास्त्री
वेदपाठी, ज्योतिषी एवं कथा वाचक
०९०१५२५६६५८  


Pandit Vipin Krishna Shastri

Ved Pathi, Astrologer and Katha Vachak

1 comments:

  1. Sir Mera Naam Navin
    Mera Janam 13/11/1982
    Samay - 01/15/AM
    Janam Sthan- Thane (Maharashtra)
    Thori Mushibat Me Hu Meri Kundli Ke Bare Me Kuch Upay Batayen

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