Friday 4 October 2013

Navratri Durga Puja- आश्विन नवरात्रि -२०१३ (५ अक्टूबर-१३ अक्टूबर )

आश्विन नवरात्रि -२०१३ (५ अक्टूबर-१३ अक्टूबर )

पराम्बा भगवती महामाया की उपासना का पर्व है नवरात्रि .

नवानां रात्रीणाम् समाहार:--नवरात्रम् 

नौ रात्रियों के सम्मिश्रण का नाम है नवरात्र .

इन नौ दिनों में भगवती के नौ स्वरूपों की पूजा का विधान है और जो इन नव दिनों में भगवती की उपासना करता है तो माँ कहती है --सानिध्यं तत्र स्तिथि:--में सदैव उनके साथ रहती हूँ और उनके घर में किसी वास्तु का आभाव नहीं रहता और माँ की कृपा बनि रहती है .

भगवती दुर्गा भक्ति और शक्ति का प्रतीक है .स्वयं भगवान राम ने आश्विन मास में रावण वध के समय नवरात्रि पूजन किया था .
जब सीता का हरण हुआ तो किस्किन्धा पर्वत पर राम जी से नारद जी की भेट हुई .नारद जी ने कहा -कि राम जी -में जनता हूँ रावण ने सीता का हरण किया है लेकिन उस महावली रावण को मारने के लिये आपको शक्ति की उपासना करनी चाहिए -

श्रृणु राम सदा नित्या शक्ति राध्या सनातनी .
सर्व काम प्रदा देवी पूजिता दु:ख नाशनी .


तब नारद जी के कहने पर राम जी ने नवरात्रि पूजन किया और पूजन का ऐसा प्रभाव रहा कि अष्टमी की रात्रि को माँ प्रकट हुई और तब माँ ने कहा -

राम -राम महाबाहो तुष्टास्म्यद्ध व्रतेन ते
प्रार्थयस्व वरं कामं यत्ते मनसि वर्तते .


माँ ने कहा कि आपका अवतरण रावण वध के लिये हुआ है इसलिए आपके वाणों में मेरी शक्ति निहित रहेगी जिससे तुम रावण का वध करोगे .

भगवती की शक्ति मिली ,नौमी को यज्ञ पूर्ण हुआ और दशमी के दिन जाकर रावण का संहार किया -इसलिए इसे विजयादशमी भी कहते हैं ..

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